केंद्र सरकार हर क्षेत्र का विकास कर रही है। बात चाहे तिरूपति की हो बाला जी की हो या फिर पारसनाथ की सभी जगहों का विकास सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है। जो क्षेत्र विकास के दौड पीछे उसे भी विकसीत स्थलों की सूची में लाने का प्रयास किया जा रहा है। खास कर पारसनाथ आने वाले तीर्थयात्रियों को सहूलियत इसके लिए सरकार हैलीकाप्टर सेवा शुरू करने की योजना बना रही है। उक्त बातें नागरीक उड्डयन मंत्री जयंत सिन्हा ने की। वे बुधवार को बहुत ही कम समय के लिए एक धार्मिक कार्यक्रम में षामिल होने आये थे।
मधुबन स्थित श्री दिगंबर जैन तेरहपंथी कोठी में बुधवार को 27वां आचार्य पदारोहण महोत्सव का आयोजन किया गया था। गणाचार्य विराग सागर जी महाराज के सान्निध्य में आयोजित इस कार्यक्रम में साधुओं ने पिच्छी का परिवर्तन किया। इसी कार्यक्रम में शामिल होने जयंत मधुबन पहुंचे थे। लगभग तीन बजे हैलीकाप्टर से वे कल्याणनिकेतन पहुंचे उसके बाद तेरहपंथी कोठी स्थित कार्यक्रम स्थल पहुंचे। इस क्रम में उन्होंने आचार्य श्री को श्रीफल भेंट कर आर्षीवाद लिया। समय की कमी के कारण तुरंत ही उनसे संबोधन करने को आग्रह किया गया। बहुत ही छोटे संबोधन में उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार, केंद्र सरकार देश के अन्य तीर्थस्थलों की तरह पारसनाथ को भी विकसित करना चाह रही है। इसके अलावा भी कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं कि यहां आने वाले तीर्थयात्रियों को सुविधा मुहैया कराये। सरकार प्रयास कर रही है कि जैसे ही आप रांची एयरपोर्ट उतरे आपको हैलीकाप्टर सर्विस मिले। हैलीकाप्टर से यहां आकर पूजा अर्चना करते हुए वापस रांची एयरपोर्ट पहुचंे जो कि देश के विभिन्न हिस्सों से जुड़ा हुआ है। इस कार्यक्रम के बाद वे विमल समाधि आदि मंदिरों में जाकर दर्शन किया।
मधुबन स्थित श्री दिगंबर जैन तेरहपंथी कोठी में बुधवार को 27वां आचार्य पदारोहण महोत्सव का आयोजन किया गया था। गणाचार्य विराग सागर जी महाराज के सान्निध्य में आयोजित इस कार्यक्रम में साधुओं ने पिच्छी का परिवर्तन किया। इसी कार्यक्रम में शामिल होने जयंत मधुबन पहुंचे थे। लगभग तीन बजे हैलीकाप्टर से वे कल्याणनिकेतन पहुंचे उसके बाद तेरहपंथी कोठी स्थित कार्यक्रम स्थल पहुंचे। इस क्रम में उन्होंने आचार्य श्री को श्रीफल भेंट कर आर्षीवाद लिया। समय की कमी के कारण तुरंत ही उनसे संबोधन करने को आग्रह किया गया। बहुत ही छोटे संबोधन में उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार, केंद्र सरकार देश के अन्य तीर्थस्थलों की तरह पारसनाथ को भी विकसित करना चाह रही है। इसके अलावा भी कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं कि यहां आने वाले तीर्थयात्रियों को सुविधा मुहैया कराये। सरकार प्रयास कर रही है कि जैसे ही आप रांची एयरपोर्ट उतरे आपको हैलीकाप्टर सर्विस मिले। हैलीकाप्टर से यहां आकर पूजा अर्चना करते हुए वापस रांची एयरपोर्ट पहुचंे जो कि देश के विभिन्न हिस्सों से जुड़ा हुआ है। इस कार्यक्रम के बाद वे विमल समाधि आदि मंदिरों में जाकर दर्शन किया।
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