51 वर्षीय एक व्यक्ति ने 17 दिनों में लगभग 1700 किलोमीटर की दूरी साइकिल से नाप ली। 11 नवंबर को महाराष्ट्र के अकोला से शुरू हुई यात्रा मधुबन यानि शिखरजी में समाप्त हो गयी। इस यात्रा का उद्वेश्य पर्यावरण जागृति था। बढते तापमान, पर्यावरण के प्रति उदासीनता आदि को देखते हुए महाराष्ट्र के अकोला निवासी अरविंद अगरकर ने साइकिल यात्रा कर पर्यावरण जागरूकता लाने का संकल्प ले लिया। इस क्रम में वे जिनसे भी मिलते हैं पर्यावरण से जुड़ी जानकारी देते हैं।
मधुबन पहुंचते ही कौतुहलवश लोग उन्हें देख रहे थे। इस क्रम में बात करते हुए श्री आगरकर ने कहा कि वे पांच राज्यों से साइकिल चलाते हुए मधुबन पहुंचे हैं। इस दौरान उनका उत्साह देखते ही बन रहा था। आगे कहा कि वे पर्यावरण संवर्धन के लिए काम कर रहे हैं। साथ ही साथ जन स्वास्थ्य के संबंध में भी उन्होंने कई उपक्रम चलाए हैं। इस वर्ष उन्होंने अकोला से सीधे सम्मेद शिखरजी पहंुचने का संकल्प लिया। यही नहीं यात्रा के दौरान वे पेट्रोल बचत व पर्यावरण संवर्धन का संदेश दिया। अपनी साइकिल में जरूरी सामान लेकर 11 नवंबर को अकोला स्थित श्री शांतिनाथ चैत्यालय जैन मंदिर से यात्रा की शुरूआत की। इस क्रम में उन्होंने रामटेक, सिवनी, जबलपुर, कटनी, सतना, रीवा, मिर्जापुर, वाराणसी, चदौली, सासाराम, औरंगाबाद, शेरघाटी आदि होते हुए सम्मेदशिखर पहुंचे। बताते हैं कि इससे पूर्व भी वह साइकिल यात्रा कर चुके हैं। नागपुर से रामटेक, मुक्तागिरि आदि जगहों की यात्रा साइकिल से की है। कहते हैं कि आज के समय में स्वास्थ्य व पर्यावरण के प्रति ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है। बावजूद लोग इन बातों को अनदेखा कर देते हैं यही वजह है कि उन्होंने इस तरह की पहल की है।
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