शुक्रवार को पीरटांड़ में पुलिस द्वारा अवैध लकड़ी लदे वाहन को छोड़ देना चर्चा का विषय रहा। यही नहीं यह स्थानीय मिडिया में भी छायी रही। बताया जाता है कि पीरटांड़ थाना क्षेत्र के बराकर पुल के पहले पीरटांड़ पुलिस ने दो व्यक्ति सहित लकड़ी लदा एक वाहन को पकड़ा।लकड़ी लदे मालवाहक को बराकर के एक लाइन होटल मे छिपाकर रखा गया जबकि गिरफ्तार दोनो लोगों को एक चौकीदार के घर पर रखा गया।घंटो चली सुलह नामा के बाद शाम को वाहन सहित दोनो गिरफ्तार व्यक्तियों को छोड़ दिया गया।बताया गया कि पीरटांड़ से कई वाहन लकड़ी लेकर गिरिडीह की ओर जाती है।इसी क्रम में यह नया मालवाहक ऑटो भी लकड़ी लेकर पार हो रहा था।इसपर पुलिस की नजर गयी और इसे पकड़ लिया गया।
लकड़ी लदे वाहन को होटल में छिपाकर रखा गया।साथ ही गिरफ्तार दोनो व्यक्तियों को स्थानीय एक चौकीदार के घर पर रखा गया ताकि कोई दूसरे अधिकारी को इसकी भनक नही लगे।बता दें कि पीरटांड़ में लकड़ी का अवैध धंधा पुलिसिया व वन विभाग के मिलीभगत से चल रहा है।पुलिस ओर वन विभाग के अधिकारियों के सामने से रोज लकड़ी लदा वाहन निकलता है पर इस पर कोई कार्रवाई नही होती है।इसके साथ ही बालू, कोयला आदि वाहन को पकड़कर छोड़ देना प्रशासन की नियति बन गयी है।इधर इस मामले में एसडीपीओ नीरज कुमार सिंह ने लकड़ी लदा वाहन पकड़ाने से संबंधित किसी भी प्रकार से जानकारी होने से इनकार किया।
इससे साफ जाहिर होता है कि कई प्रकार के मामले में स्थानीय पुलिस उच्च अधिकारियों को भी सूचना नही देते।स्थानीय वन पाल सूरज चौधरी ने बताया कि उन्हें भी लकड़ी लदे वाहन पकड़ाने संबंधी कोई जानकारी नही है।अब सवाल ये उठता है कि इस वाहन को किसने पकड़ा।होटल में किसने रखा।फिर होटल से वाहन कहाँ चला गया।होटल के पीछे छुपाया गया लकड़ी लदा ऑटो में नम्बर जेएच 11 जे 1440 लिखा हुआ दिख रहा है। वहीं जमुआ घाट से भी स्थानीय पुलिस दो बालू लदा ट्रैक्टर पकड़ कर साथ ले गयी थी।इधर डुमरी इंस्पेक्टर बीरेंद्र राम ने भी इस घटना की जानकारी होने से इनकार किया है।
लकड़ी लदे वाहन को होटल में छिपाकर रखा गया।साथ ही गिरफ्तार दोनो व्यक्तियों को स्थानीय एक चौकीदार के घर पर रखा गया ताकि कोई दूसरे अधिकारी को इसकी भनक नही लगे।बता दें कि पीरटांड़ में लकड़ी का अवैध धंधा पुलिसिया व वन विभाग के मिलीभगत से चल रहा है।पुलिस ओर वन विभाग के अधिकारियों के सामने से रोज लकड़ी लदा वाहन निकलता है पर इस पर कोई कार्रवाई नही होती है।इसके साथ ही बालू, कोयला आदि वाहन को पकड़कर छोड़ देना प्रशासन की नियति बन गयी है।इधर इस मामले में एसडीपीओ नीरज कुमार सिंह ने लकड़ी लदा वाहन पकड़ाने से संबंधित किसी भी प्रकार से जानकारी होने से इनकार किया।
इससे साफ जाहिर होता है कि कई प्रकार के मामले में स्थानीय पुलिस उच्च अधिकारियों को भी सूचना नही देते।स्थानीय वन पाल सूरज चौधरी ने बताया कि उन्हें भी लकड़ी लदे वाहन पकड़ाने संबंधी कोई जानकारी नही है।अब सवाल ये उठता है कि इस वाहन को किसने पकड़ा।होटल में किसने रखा।फिर होटल से वाहन कहाँ चला गया।होटल के पीछे छुपाया गया लकड़ी लदा ऑटो में नम्बर जेएच 11 जे 1440 लिखा हुआ दिख रहा है। वहीं जमुआ घाट से भी स्थानीय पुलिस दो बालू लदा ट्रैक्टर पकड़ कर साथ ले गयी थी।इधर डुमरी इंस्पेक्टर बीरेंद्र राम ने भी इस घटना की जानकारी होने से इनकार किया है।
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