जैनियों के प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन स्थित सौरभांचल में चल रहे जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्वशांति महायज्ञ के पांचवे दिन ज्ञान कल्याणक महोत्सव सह गणाचार्य विराग सागर जी महाराज का 36वां मुनि दीक्षा दिवस मनाया गया।
बताया जाता है कि पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ के पांचवें दिन ज्ञान कल्याणक महोत्सव मनाया गया। कार्यक्रम की शुरूआत मंत्र आराधना व नित्यमह पूजा से की गयी। वहीं सुबह दस बजे से मधुबन स्थित श्री दिगंबर जैन तेरहपंथी कोठी से भव्य शोभायात्रा निकाली गयी। इस शोभायात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। तेरहपंथी कोठी से निकलकर यह शोभायात्रा सौरभांचल में जाकर समाप्त हो गयी। शोभायात्रा के बाद धार्मिक विधियों का आयोजन शुरू हो गया। धार्मिक विधियों में क्रम से मंत्र आराधना, अधिवासना, तिलकदान, मुखोद्घाटन, नेत्रोन्मीलन, प्राण प्रतिष्ठा, सूरी मंत्र, केवल ज्ञानोत्पति आदि का आयोजन किया गया। इस क्रम में गणाचार्य विराग सागर जी महाराज ने कहा कि हरेक व्यक्ति को अहिंसा परमो धर्मः का पालन करना चाहिए।
बताया जाता है कि पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ के पांचवें दिन ज्ञान कल्याणक महोत्सव मनाया गया। कार्यक्रम की शुरूआत मंत्र आराधना व नित्यमह पूजा से की गयी। वहीं सुबह दस बजे से मधुबन स्थित श्री दिगंबर जैन तेरहपंथी कोठी से भव्य शोभायात्रा निकाली गयी। इस शोभायात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। तेरहपंथी कोठी से निकलकर यह शोभायात्रा सौरभांचल में जाकर समाप्त हो गयी। शोभायात्रा के बाद धार्मिक विधियों का आयोजन शुरू हो गया। धार्मिक विधियों में क्रम से मंत्र आराधना, अधिवासना, तिलकदान, मुखोद्घाटन, नेत्रोन्मीलन, प्राण प्रतिष्ठा, सूरी मंत्र, केवल ज्ञानोत्पति आदि का आयोजन किया गया। इस क्रम में गणाचार्य विराग सागर जी महाराज ने कहा कि हरेक व्यक्ति को अहिंसा परमो धर्मः का पालन करना चाहिए।
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