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आचार्य सुयश सूरी जी महाराज |
मधुबन स्थित जहाज मंदिर के संस्थापक आचार्य सुयश सूरी जी महाराज पावापुरी से वापस लौटने के बाद मंगलवार को विभिन्न मंदिरों का दर्शन किया। विभिन्न मंदिरों का दर्शन करने के बाद उन्होंने सराक भवन स्थित मंदिर में भी विशेष पूजा आराधना की। बताया जाता है कि आचार्य श्री रविवार दोपहर को भगवान महावीर के निर्वाण कल्याणक पावापुरी से वापस लौटे। वे पावापुरी इस वर्ष का चतुर्मास करने गए थे तथा वहां चार माह तक आराधना करने के बाद वापस मधुबन लौट गए हैं। मंगलवार को उन्होंने मधुबन स्थित विभिन्न मंदिरों का दर्शन किया। सराक भवन से निकलकर विभिन्न मंदिरों का दर्शन करते हुए मुख्य मार्ग से वापस सराक भवन पहुंचे। सराक भवन पहुंचते ही वहंा विधिवत पूजा अर्चना की। इस क्रम में आचार्य श्री ने कहा कि वे देश के किसी भी कोनें में रहें पर सम्मेत शिखरजी की यह पवित्र भूमि उन्हें अपनी ओर खीचती हैं। यहां आकर उन्हें शांति का अनुभव होता है। आगे कहा कि पारसनाथ पर्वत जैन धर्मावलंबियों का पवित्र तीर्थस्थल है और एसा इसलिए क्योंकि यहां 24 में से 20 तीर्थंकरों के अलावा असंख्य मुनियों ने निर्वाण प्राप्त किया है। बताया जाता है कि आगामी 19 दिसंबर को आचार्य श्री का 60वां जन्मदिन मनाया जाएगा। इस अवसर पर कई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाऐंगे।
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