मंगलवार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रह्मपुत्र नद पर देश के सबसे लंबे रेलरोड पूल बोगीबील ब्रिज का उद्घाटन किया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उद्घाटित यह पुल कई मायने में विशेष है। उत्तर पूर्वी सीमा पर भारत को यह नया पुल नई ताकत देने वाला है।
कब मिली थी मंजूरी
इस पुल को 1997 में तत्कालीन एच डी देवगौड़ा सरकार ने मंजूरी दी थी लेकिन इसका निर्माण अप्रैल 2002 में शुरू हो पाया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रेल मंत्री नीतीश कुमार के साथ इसका शिलान्यास किया था। उद्घाटन किए जाने के बाद बोगीबील ब्रिज से पहली गाड़ी तिनसुकिया नाहर नाहर इंटरसिटी एक्सप्रेस गुजरी। इससे असम के अधीन लखीमपुर के अलावा अरुणाचल के लोगों को भी फायदा होगा।
क्या - क्या फायदे हैं इस पुल से
लगभग पांच किलोमीटर पुल की अनुमानित लागत 5800 करोड़ रूप्ये है। इस पुल का निर्माण अत्याधुनिक तकनीक से किया गया है। इसके बन जाने से ब्रह्मपुत्र और किनारों पर मौजूद रेलवे लाइन आपस में जुड़ जायेंगे फूल के साथ ब्रह्मपुत्र के दक्षिणी किनारे पर मौजूद धमाल गांव और रेलवे स्टेशन भी तैयार हो चुके हैं ।यह पुल दुनिया का दूसरा और भारत का सबसे लंबा रेल कम रोड ब्रिज है। ब्रह्मपुत्र पर बना यह बोगीबील रेल कम रोड ब्रिज नदी के दक्षिण और उत्तर के बीच संपर्क को आसान बनाने वाला है यानी की नदी के पार अरुणाचल की सीमा पर किसी भी तरह की असामान्य हरकत भारत अपने सैनिक इस इलाके में भेज सकता है।
कब मिली थी मंजूरी
इस पुल को 1997 में तत्कालीन एच डी देवगौड़ा सरकार ने मंजूरी दी थी लेकिन इसका निर्माण अप्रैल 2002 में शुरू हो पाया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रेल मंत्री नीतीश कुमार के साथ इसका शिलान्यास किया था। उद्घाटन किए जाने के बाद बोगीबील ब्रिज से पहली गाड़ी तिनसुकिया नाहर नाहर इंटरसिटी एक्सप्रेस गुजरी। इससे असम के अधीन लखीमपुर के अलावा अरुणाचल के लोगों को भी फायदा होगा।
क्या - क्या फायदे हैं इस पुल से
लगभग पांच किलोमीटर पुल की अनुमानित लागत 5800 करोड़ रूप्ये है। इस पुल का निर्माण अत्याधुनिक तकनीक से किया गया है। इसके बन जाने से ब्रह्मपुत्र और किनारों पर मौजूद रेलवे लाइन आपस में जुड़ जायेंगे फूल के साथ ब्रह्मपुत्र के दक्षिणी किनारे पर मौजूद धमाल गांव और रेलवे स्टेशन भी तैयार हो चुके हैं ।यह पुल दुनिया का दूसरा और भारत का सबसे लंबा रेल कम रोड ब्रिज है। ब्रह्मपुत्र पर बना यह बोगीबील रेल कम रोड ब्रिज नदी के दक्षिण और उत्तर के बीच संपर्क को आसान बनाने वाला है यानी की नदी के पार अरुणाचल की सीमा पर किसी भी तरह की असामान्य हरकत भारत अपने सैनिक इस इलाके में भेज सकता है।
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