सोमवार से कार्तिक मास शुरू हो गया है। इस महीने कई व्रत त्योहार आते हैं, यही नहीं कार्तिक माह में प्रातः स्नान दीपदान व पूजन का विशेष महत्व है। तो आइए जानते हैं कि इस माह कौन-कौन से पर्व त्यौहार है।
17 अक्टूबर को करवा चौथ
इस माह के प्रमुख त्योहारों में मैं से एक है करवा चौथ यह 17 अक्टूबर को मनाया जाएगा इस दिन पत्नी दिनभर उपवास रखकर अपने सुहाग की लंबी आयु की कामना करती है चंद्रोदय के बाद चंद्र देव को अर्घ्य देकर पूजा की जाती है।
24 को रंभा एकादशी
24 अक्टूबर को रंभा एकादशी है। गुरुवार होने के कारण इसकी महत्ता और बढ़ गई है। इस दिन भगवान के केशव स्वरूप की पूजा की जाती है। साथ ही साथ तुलसी की भी आराधना की जाती है बता दे इस महीने तुलसी पूजा का भी विशेष महत्व है।
25 को धनतेरस
धनतेरस 25 अक्टूबर को है। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। कई लोग नए सामान भी खरीदते हैं। इस दिन से तीन दिवसीय दीपावली पर्व की शुरुआत हो जाती है।
26 को छोटी दीपावली
छोटी दीपावली 26 अक्टूबर को मनाई जाएगी इस दिन भी लोग अपने घरों को दीपों से सजाते हैं।
27 को दीपावली
अंधकार पर प्रकाश के विजय का व दीपों का पर्व दीपावली 27 को मनाया जाएगा। इस दिन देवी लक्ष्मी व भगवान गणेश की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना करते हुए घरों को दीपों से जगमगाया जाता है। यही नहीं रात में देवी काली की भी पूजा अर्चना की जाती है।
29 को भैया दूज
इस दिन बहन अपने भाई की सुख समृद्धि के पूजा अर्चना करती है।
31 से चार दिवसीय छठ शुरू
31 अक्टूबर से चार दिवसीय छठ महापर्व शुरू होगा। पर्व का शुरुवाती दिन नहाय खाय के नाम से भी जाना जाता है।
1 को खरना
एक नवंबर को खरना है। दिनभर उपवास रखने के बाद शाम में भगवान सूर्य की उपासना की जाती है। इस दौरान छठ व्रती प्रसाद ग्रहण करते हैं। प्रसाद लेने के बाद फिर से 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है। यह व्रत काफी कठोर है साथ ही साथ इसमें काफी नियम व पवित्रता का ध्यान रखा जाता है।
2 को छठ का पहला अर्घ्य
महापर्व के तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा। विभिन्न जलाशयों में बने छठ घाटों पर व्रती पुजोपासना करेंगे व भगवान सूर्य को अर्घ्य देंगे।
3 को उदयाचलगमी सूर्य को अर्घ्यतीन नवंबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। और इसी के साथ छठ महापर्व सम्पन्न हो जाएगा।
4 को गोपाष्टमी4 नवंबर को गोपाष्टमी है। इस दिन अलंकृत गायों को चारा दाना खिलाकर परिक्रमा करते हुए पूजा की जाती है।
8 नवंबर को एकादशी8 नवंबर को हरिप्रबोधनी एकादशी का व्रत होगा।
12 को पूर्णिमा 12 नवंबर को स्नान दान व्रत की कार्तिक पूर्णिमा है। इस गुरुनानक जयंती मनाई जाएगी।
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17 अक्टूबर को करवा चौथ
इस माह के प्रमुख त्योहारों में मैं से एक है करवा चौथ यह 17 अक्टूबर को मनाया जाएगा इस दिन पत्नी दिनभर उपवास रखकर अपने सुहाग की लंबी आयु की कामना करती है चंद्रोदय के बाद चंद्र देव को अर्घ्य देकर पूजा की जाती है।
24 को रंभा एकादशी
24 अक्टूबर को रंभा एकादशी है। गुरुवार होने के कारण इसकी महत्ता और बढ़ गई है। इस दिन भगवान के केशव स्वरूप की पूजा की जाती है। साथ ही साथ तुलसी की भी आराधना की जाती है बता दे इस महीने तुलसी पूजा का भी विशेष महत्व है।
25 को धनतेरस
धनतेरस 25 अक्टूबर को है। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। कई लोग नए सामान भी खरीदते हैं। इस दिन से तीन दिवसीय दीपावली पर्व की शुरुआत हो जाती है।
26 को छोटी दीपावली
छोटी दीपावली 26 अक्टूबर को मनाई जाएगी इस दिन भी लोग अपने घरों को दीपों से सजाते हैं।
27 को दीपावली
अंधकार पर प्रकाश के विजय का व दीपों का पर्व दीपावली 27 को मनाया जाएगा। इस दिन देवी लक्ष्मी व भगवान गणेश की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना करते हुए घरों को दीपों से जगमगाया जाता है। यही नहीं रात में देवी काली की भी पूजा अर्चना की जाती है।
29 को भैया दूज
इस दिन बहन अपने भाई की सुख समृद्धि के पूजा अर्चना करती है।
31 से चार दिवसीय छठ शुरू
31 अक्टूबर से चार दिवसीय छठ महापर्व शुरू होगा। पर्व का शुरुवाती दिन नहाय खाय के नाम से भी जाना जाता है।
1 को खरना
एक नवंबर को खरना है। दिनभर उपवास रखने के बाद शाम में भगवान सूर्य की उपासना की जाती है। इस दौरान छठ व्रती प्रसाद ग्रहण करते हैं। प्रसाद लेने के बाद फिर से 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है। यह व्रत काफी कठोर है साथ ही साथ इसमें काफी नियम व पवित्रता का ध्यान रखा जाता है।
2 को छठ का पहला अर्घ्य
महापर्व के तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा। विभिन्न जलाशयों में बने छठ घाटों पर व्रती पुजोपासना करेंगे व भगवान सूर्य को अर्घ्य देंगे।
3 को उदयाचलगमी सूर्य को अर्घ्यतीन नवंबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। और इसी के साथ छठ महापर्व सम्पन्न हो जाएगा।
4 को गोपाष्टमी4 नवंबर को गोपाष्टमी है। इस दिन अलंकृत गायों को चारा दाना खिलाकर परिक्रमा करते हुए पूजा की जाती है।
8 नवंबर को एकादशी8 नवंबर को हरिप्रबोधनी एकादशी का व्रत होगा।
12 को पूर्णिमा 12 नवंबर को स्नान दान व्रत की कार्तिक पूर्णिमा है। इस गुरुनानक जयंती मनाई जाएगी।
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