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आचार्य श्री के प्रवेश को ले निकली शोभायात्रा |
शुक्रवार सुबह आचार्य विराग सागर जी महाराज ससंघ का मंगल प्रवेश हुआ। स्थानीय जैन समाज व बाहर से आये तीर्थयात्रियों द्वारा आचार्य श्री की आगवानी की गयी। जगह जगह साधु संतों का पद प्रक्षालन किया गया। संतों का काफिला मुख्य मार्ग होते हुए सर्वप्रथम विमल समाधि पहुंचा। वहीं दूसरी ओर गुणायतन परिसर में पारसनाथ पर्वत से प्रथम मोक्षगामी तीर्थंकर अजितनाथ भगवान का पंचकल्याणक प्रतिश्ष्ठा महोत्सव शुरू हो गया। प्रथम दिन कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। पंचकल्याकणक प्रतिश्ठा का आयोजन आचार्य विद्यासागर जी महाराज के मंगल आर्शीवाद तथा मुनि प्रमाण सागर जी महाराज की प्रेरणा से मुनि कुन्थु सागर जी महाराज, एलक सिद्धांत सागर जी महाराज के सान्निध्य में चल रहा है। कार्यक्रम की शुरूआत घटयात्रा से हुई। इस क्रम में गुणायतन परिसर से निकलकर पदमप्रभु मंदिर होते हुए वापस गुणायतन परिसर पहुंचकर घटयात्रा का समाप्त हो गयी। महोत्सव के निमित्त धार्मिक विधि विधान से घ्वजारोहण किया गया। पूजा आराधना, महाआरती व धर्म सभा प्रवचन का आयोजन किया गया।
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