धनु राशि
मनुष्य का कमर से उपर का भाग जो धनुष लिए है तथा नीचे का भाग घोड़े के समान है, ऐसी इस राशि की आकृति है। कालपुरूष की देह पर इसका दोनों जांघों पर अधिकार है। यह पुरूष जाति, द्विस्वभाव और क्रूर स्वभाववाली, पित्त प्रकृति, दिवाबली, क्षत्रिय वर्ण, अग्नितत्व, पूर्व दिशा की स्वामिनी और अल्प संतानवाली है। आस्तिकता, परोपकारिता, दयालुता और मर्यादा की इच्छा के साथ-साथ अधिकारप्रिय होना इसका स्वभाविक गुण है।इस राशि के जातक आजाद ख्याल के होते हैं। वहीं धार्मिक होने के साथ-साथ बुद्धिमान भी होते हैं। हलांकि इनके मन और शरीर के बीच हमेशा द्वंद की स्थिति बनी रहती है लिहाजा दूसरों की सलाह लिये बिना कोई काम शुरू करना नहीं चाहते। कुल मिलाकर इस राशि के जातक ईमानदार, सच्चे, विश्वास योग्य और समझदार होते हैं। यही नहीं भविष्य के प्रति आशावादी नजरिये वाले होते हैं। प्रतिकुल परिस्थितियों में भी संयमित रहते हैं। ऐसे लोगों का जीवन के प्रति सकारात्मक नजरिया, उर्जा से ओतप्रोत, साहसी, अपने अनुभव को दूसरे से अधिक से अधिक बांटने वाला होता है। लेकिन अनावश्यक भाषण से दूसरों को लुभाना पसंद नहीं करते। यात्रा करना पसंद करते हैं साथ ही साथ आसपास की जानकारी इकट्ठा करना भी इन्हें काफी पसंद होता है।
शारीरिक संरचना की बात करंे तो ये लंबे होते हैं तथा व्यक्तित्व काफी उर्जावान और लुभावना होता है। आमतौर पर कम उम्र में ही ज्यादा उम्र के दिखने लगते हैं।
इस राशि के पुरूष बड़े साहसी होते हैं तथा जोखिम भरे कार्यों को करने में इन्हें आनंद मिलता है। विभिन्न विषयों में रूचि लेने की इनकी आदत होती है। ये दयालु और सरल स्वभाव के होते हैं।
इस राशि की स्त्रियां बहुत दयालु और खुले दिल की होती है। यह अत्यधिक आत्म विश्वासी, उत्साही और नये विचारों की होती है।
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