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तोरण द्वार |
इस दौरान कई धार्मिक कार्यक्रम व संगोष्ठी का आयोजन किया जायेगा। बताया जाता है कि पारसनाथ पर्वत 24 में से 20 तीर्थंकरों का निर्वाण स्थल है। और भगवान अजीतनाथ ने ही सर्वप्रथम इस इस स्थल से निर्वाण प्राप्त किया है। यह जानकारी एलक सिद्धांत सागर जी महाराज ने एक प्रेस वार्ता कर दी। उन्होंने कहा कि 6 से 11 दिसंबर तक लगातार भगवान अजितनाथ के पंचकल्याणक के निमित्त धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। इस दौरान भगवान के नर से नारायण बनने तक के सफर का वर्णन किया जायेगा। आचार्य विद्यासागर जी महाराज के गुरू आचार्य ज्ञान सागर जी महाराज के सान्निध्य में प्रतिदिन देश के विभिन्न प्रांतों से लगभग 300 विद्वानों की उपस्थिति में संगोश्ठी का आयोजन किया जायेगा। इस दौरान सिद्धांत सागर जी महाराज ने कहा कि अहिंसा की नगरी मधुबन में हिंसा जैसी विकृति है। मजदूरों को भी गंभीर समस्या है। सभी को मिलजुल कर समस्या का समाधान करना चाहिए।
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