
महोत्सव की शुरूआत प्रभातफेरी से की गयी। स्कूली बच्चों व देश के विभिन्न स्थलों से आये तीर्थयात्रियों ने समाधि मंदिर परिसर से प्रभातफेरी निकाल पूरा मधुबन भ्रमण करते हुए पुनः समाधि मंदिर पहुंचें। सुबह 7ः30 बजे जहां प्रभतफेरी निकाली गयी वहीं 8ः30 बजे ध्वजारोहण किया गया। उसके बाद क्रम से पंचामृत अभिष्ेाक समेत कई धार्मिक कियाएं पूरी की गयी। दोपहर में वात्सल्य रत्नाकर विधान पूजा, विद्यांजली सभा, गुरूदेव आरती, भक्ति पुष्प आदि का आयोजन किया गया। इसी क्रम में रविवार और सोमवार को भी कई धार्मिक कार्यक्रम आयेजित किए जायेंगे। कार्यक्रम को ले मधुबन को आकर्षक ढंग से सजाया संवारा गया है। कार्यक्रम स्थल की सुंदरता रात को कई गुणा ज्यादा बढ़ जाती है। साज-सज्जा देखते ही बनता है। मौके पर आचार्य संभव सागर ससंघ, आचार्य विरग सागर ससंघ, अनेकांत सागर, निरंजन सागर ससंघ, समय सागर ससंघ, पुण्य सागर, मनोज्ञ सागर समेत मधुबन में विराजमान साध्वी और भारी संख्या में तीर्थयात्री उपस्थित थे।
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