फरवरी 2020 में होने वाले व्रत त्योहार। इस पोस्ट में फरवरी माह में होने वाले व्रत त्योहारों की सूची दी जा रही है।
3 फरवरी 2020, हरसू ब्रहमदेव जयंती, महानन्दानवमी -
हरसू ब्रहमदेव जयंती। यह जयंती बिहार के भभुआ में पूरे भक्ति व आस्था से मनायी जाती है। प्रतिवर्ष माघ शुक्ल नवमी तिथि को हरसू ब्रहमदेव की जयंती मनायी जाती है। यह स्थल भभुआ से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
महानन्दानवमी - इस दिन महानन्दानवमी का भी व्रत किया जायेगा। सुख, समृद्धि के लिए यह व्रत किया जाता है।
9 फरवरी 2020, माघी पूर्णिमा -
इस दिन माघी पूर्णिमा है। पूर्णिमा के अवसर पर स्नान दान व विशेष पूजा का विधान है। इसी दिन संत रविदास जयंती भी मनायी जायेगी। बताया जाता है कि इस वर्ष उनका 642 वां जन्मदिवस मनाया जा रहा है। संत रविदास जी का जन्म वाराणसी के पास के गांव में हुआ था। संत रविदास जी ने लोगों को बिना भेदभाव के आपस में प्रेम करने की शिक्षा दी। संत रविदास जयंती पर उनके अनुयायी पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। उसके बाद अपने गुरु के जीवन से जुड़ी महान घटनाओं को याद कर उनसे प्रेरणा लेते हैं।
1 फरवरी 2020, अचला सप्तमी -
एक फरवरी को अचला सप्तमी है। सप्तमी तिथि भगवान सूर्य को समर्पित है और प्रतिवर्श माघ शुक्ल सप्तमी को अचला सप्तमी मनायी जाती है। इस दिन अरूणोदय के दौरान स्नान व पूजा अर्चना करने का नियम है। वैसे भी सूर्योदय के दौरान स्नान करने की बहुत पुरानी व स्वस्थ परंपरा है। अचला सप्तमी को रथ सप्तमी या आरोग्य सप्तमी भी कहा जाता है। भगवान सूर्य की विशेष पूजा की जाती है।3 फरवरी 2020, हरसू ब्रहमदेव जयंती, महानन्दानवमी -
हरसू ब्रहमदेव जयंती। यह जयंती बिहार के भभुआ में पूरे भक्ति व आस्था से मनायी जाती है। प्रतिवर्ष माघ शुक्ल नवमी तिथि को हरसू ब्रहमदेव की जयंती मनायी जाती है। यह स्थल भभुआ से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
महानन्दानवमी - इस दिन महानन्दानवमी का भी व्रत किया जायेगा। सुख, समृद्धि के लिए यह व्रत किया जाता है।
5 फरवरी 2020, जया एकादशी -
5 फरवरी को जया एकादशी मनायी जायेगी। जया एकादशी का व्रत काफी फलदायी है।9 फरवरी 2020, माघी पूर्णिमा -
इस दिन माघी पूर्णिमा है। पूर्णिमा के अवसर पर स्नान दान व विशेष पूजा का विधान है। इसी दिन संत रविदास जयंती भी मनायी जायेगी। बताया जाता है कि इस वर्ष उनका 642 वां जन्मदिवस मनाया जा रहा है। संत रविदास जी का जन्म वाराणसी के पास के गांव में हुआ था। संत रविदास जी ने लोगों को बिना भेदभाव के आपस में प्रेम करने की शिक्षा दी। संत रविदास जयंती पर उनके अनुयायी पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। उसके बाद अपने गुरु के जीवन से जुड़ी महान घटनाओं को याद कर उनसे प्रेरणा लेते हैं।
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