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धूप सेंकते मगरमच्छ |
हमलोग सुबह नौ बजे प्रवेश द्वार के सामने पहुंच चुके थे। यहां पर कई दुकाने लगी हैं जहां आप नाश्ता या खानां का लुत्फ उठा सकते हैं। हमारे साथ बच्चे भी थे। टिकट लेने के बाद हमें अंदर जानें की अनुमति मिली। सुरक्षा जाचं के बाद अंदर जाने दिया गया। यहां प्लास्टिक ले जाने की अनुमति नहीं है, अगर
आपके पास प्लास्टिक है तो बाहर ही छोड़ दें। अंदर घुसते ही हमें एक बड़ा पानी का फव्वारा दिखा मानो वह स्वागत के लिए खड़ा हो, निरंतर
एक ही लय में चालू रहता है।
यहां से शुरू होती है आपकी यह उद्यान यात्रा। यहां आपको कई गाइड मिलेंगे जिन्हें बूक करने पर वे आपको पूरा चिड़ियाघर दिखाऐंगे तथा हर एक चीज के बारे में बताऐंगे। हलांकि इसके एवज में कुछ शुल्क लेंगे। हमलोगों ने कोई गाइड नहीं लिया। वैसे भी अगर आप यहां आकर आनंद उठाना चाहते हैं तो हाथ में पूरा समय लेकर आयें तथा इत्मीनान से पैदल घूमते हर एक नजारा का आनंद लें। हर जानवर या पक्षी के बाड़े के सामने बड़े - बड़े
बोर्ड पर विवरण लिखा हुआ है जिससे आपको पूरी जानकारी मिल जाएगी। किसी से कुछ पूछने की जरूरत नहीं है। गाइड आपको जल्दी जल्दी चलने का दबाव बनाऐंगे ताकि जल्द ही वह एक ओर नये यात्री को घूमा सके। वैसे लोग जो पैदल चलने में असमर्थ हैं या फिर चलना नहीं चाहते हैं, बैटरी
गाड़ी बूक कर भी इस पार्क का आनंद ले सकते हैं।
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जलाशय में तैयार बोट |
भालू, शेर, हाथी
तेंदुआ और न
जानें क्या क्या।
जानवरों की इतनी
संख्या की बाहर
आते आते कुछ
आपके दिमाग से
हट जाते हैं
तो कुछ अपनी
विषेशताआं से दिमाग
में घर कर
जाते हैं। खास
कर शेर, चीता,
हिरण आदि को
स्वतंत्र रूप से
भ्रमण करते देखना
बच्चों के लिए
काफी मनोरंजक होता
है। यही नहीं
किस्म-किस्म के
पक्षियों का कलरव
सुनना व उन्हें
नजदीक से देखना
एक सुखद अहसास
होता है। किसी
पक्षी को आप
जानते हैं तो
किसी को देख
यह अंदाज लगाते
हैं कि शायद
इसका नाम यह
होगा। इससे पहले
मैंने मोर के
नृत्य के बारे
में केवल सुना
था पर मोर
नाचते देखना कितना
मनोहारी होता है
इसका अनुभव यहीं
आकर मिला।
बोटिंग यहां के
विशेष आकर्षणों में
से एक है।
एक बड़े तालाब
में बोटिंग करने
का एक अलग
मजा है। आप
चाहे तो इंजन
वाली बोट का
चयन कर सकते
हैं या फिर
पैडल वाली बोट।
हलांकि सुरक्षा के दृष्टिकोण
से बच्चों को
पैडल वाली बोट
में बैठने की
अनुमति नहीं है।
अगर साथ में
बच्चे हैं तो
इंजनवाली बोट ले
लें जिसका चालक
तालाब का सैर
करायगा। आप केवल
आनंद लेते रहें।
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दर्शकों को आकर्षित करती यह आकृति |
यहां
एक रेपटाइल पार्क
भी हैं जहां
तरह तरह के
सरीसृप देखने को मिलेंगे।
बात चाहे विभिन्न
प्रकार के संाप
की हो या
फिर मगरमच्छ की
इनसभी से संबंधित
तमाम तरह की
जिज्ञासाएं समाप्त हो जाएगी।
इसके अलावा टाइगर
सफारी, लायन सफारी,
बियर सफारी आदि
विशेष आकर्षण है।
कुल मिलाकर यह
चिड़ियाघर कई मामले
में अद्वितीय है
जैसे सफेद बाघ
का होना आदि।
कब जाएं
हर सोमवार को यह
पार्क बंद रहता
है। वहीं अप्रेल
माह से सितंबर
माह के बीच
7ः30 बजे सुबह
से 5ः30 बजे
शाम तक तथा
अक्टूबर माह से
मार्च माह तक
सुबह आठ बजे
से शाम पांच
बजे तक खुला
रहता है।
कैसे पहुंचें
भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन से
इस पार्क की
दूरी 15 किलोमीटर है। भुवनेश्वर
स्टेशन देश के
सभी प्रमुख स्टेशनों
से जुड़ा हुआ
है। स्टेशन से
पार्क के लिए
आटो व कैब
हर समय उपलब्ध
रहता है।
बिजु पटनायक अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट से नंदन कानन जैविक उद्यान की दूरी 20 किलोमीटर है।
बिजु पटनायक अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट से नंदन कानन जैविक उद्यान की दूरी 20 किलोमीटर है।
- दीपक मिश्रा
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