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रॅाक गार्डेन के अंदर का नजारा |
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फ्लाइट से दिखता शहर का दृश्य |
चंडीगढ़ एयरपोर्ट में लैंडिंग का समय सुबह सात बजे का था।फ्लाइट से ही शहर का नजारा देखते ही आपको इस बात का आभास होने लगता है कि आप उस शहर की यात्रा करने वाले है जो काफी व्यवस्थित है। शहर की पूरी संरचना पूर्व नियोजित है तथा अलग अलग सेक्टर में बंटा है। एयरपोर्ट से बाहर निकने के बाद सेक्टर 21 स्थित एक होटल में पहुंचा जहां। आया तो कुछ और काम से था पर इस बात का अंदाजा लग गया कि चंडीगढ़ घूमने का अवसर मिल ही जायेगा। मुझे यह बताया गया कि यूं तो चंडीगढ़ में देखने के लिए कई जगह है पर मुझे राक गार्डन अवश्य ही देखना चाहिए।
तुरंत रॉक गार्डेन के लिए रवाना हो गया। लगभग ग्यारह बजे मैं रॉक गार्डेन पहुंचा। टिकट काउंटर पर भीड़ नहीं थी। गार्डेन में प्रवेश करते ही पुराने पत्थरों की कई आकृतियां मिली। कुछ कदम आगे बढता गया और ऐसे ही पत्थरों की आकृतियां मिलती गयी। कम भीड़, प्रवेश स्थल पर सन्नाट, साधारण सी लग रही पुराने पत्थरों की आकृतियां देख मन में पश्चाताप का भाव आने लगा। आखिर क्यों आ गया यहांए केवल समय बर्बाद करने। फिर सोचा जब अंदर आ ही गया हूं तो पूरा घूम लेता हूं।
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झरना का दृश्य |
आगे एक गली मिली। गली से आगे बढ़ते ही पानी गिरने की आवाज सुनाई दी। जैसे जैसे आगे बढ़ता गया पत्थरों व अन्य बेकार की वस्तुओं से बनी कलाकृतियां साधारण से असाधारण होती गयी। आगे बढ़ते ही वाकई मुझे एक उद्यान का वातावरण मिलने लगा। चारो तरफ पेड़.-पौधेए पहाड़ी की आकृति लिए पत्थरों का ढेर। अब मेरे में मन में भी इस स्थल को लेकर विचार बदलने लग गए थे। बाद में पर्यटकों का समूह भी दिखने लगा। कुछ यहां की कलाकृतियां व प्राकृतिक नजारों को निहार रहे थे तो कुछ सेल्फी लेने में मशगूल थे। कई जगह सीढी़नुमा ऐसे जगह बनाए गए थे जहां से इस उद्यान की सुंदरता को देखा जा सकता है। आगे बढ़ते ही एक कृत्रिम झरना मिला जहां काफी उंचाई से दीवारों के सहारे पानी नीचे गिरता है। यहां आकर कोई भी अपना फोटो लेना नहीं भूलता यही वजह था कि फोटो लेने वालों की यहां काफी भीड़ थी।
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ग्राम्य जीवन को दर्शाती एक झांकी |
आगे बढ़ते-बढ़ते एक खुली जगह पर पर पहुंच गया मानो बड़ा मैदान हो। यहां बैठने की भी जगह थी। वहीं बगल में अलग . अलग कक्ष थे जहां तरह . तरह की चीजें थी। कुछ ऐसे दर्पण थे जिसमें आपका चेहरा विकृत दिखाई देता है। किसी दर्पण में एक व्यक्ति मोटा दिखाई देता है तो किसी एक में बौना। वहीं सामने क्रम से झूले लगे थे जिसमें कई लोग झूला का भी आनंद ले रहे थे। यहीं पर एक ऐसा कक्ष भी था जहां कपड़ा आदि से मूर्तियां बनायी गयी है जो ग्रामीण परिवेश को दर्शा रही है। वहीं इस राक गार्डेन से जुड़ी जानकारियां भी है। यह पार्क सुखना झील के निकट स्थित है।
यहां की प्राकृतिक वातारण तो आपको आकर्षित करता ही है पर कूड़ा-कर्कट जैसे प्लास्टि की बोतलें पुरानी चूडियां, टूटे कप .प्लेट, टाइल्स आदि चीजों से इतनी खूबसूरती से आकृतियां बनायी गयी है कि आपकी नजरे हटती नहीं है। ये सब देखने के बाद मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं कि अगर आप कभी चंडीगढ़ आते हैं तो इसे देखना न भूलें।
कैसे पहुंचे .
चंडीगढ़ में अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट है साथ ही साथ यहां रेलवे स्टेशन भी है जो देश के सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है।
- दीपक मिश्रा
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