
एक सुंदर व अच्छा चेंहरा भले ही आपको याद रहे न रहे पर आपके साथ किसी व्यक्ति द्वारा किया गया व्यवहार ताउम्र याद रहता है। और सबसे सुंदर बात यह कि व्यवहार को बदलना और उसे बेहतर बनाना हर किसी के हाथ में है। आप संपन्न घर में पैदा हुए हों या फिर विपन्न घर में यह नसीब की बात है। आपके पिता सद्व्यवहार करते हैं या फिर र्दुव्यवहार यह भी नसीब की बात है। लेकिन आप औरों के साथ कैसे पेश आते हैं। आपकी सोच और विचार कैसे हैं। आपका व्यवहार कैसा है यह नसीब की नहीं आपकी अपनी देन है। विषय पर पूरा मंथन करने पर आप पायेंगे आपको अपने नसीब की नहीं बल्कि अपने व्यवहार को सुधारने की जरूरत है। अगर आप अपने व्यवहार को सुधारना चाहते हैं तो ये कुछ आवश्यक कदम हैं जिन्हें उठाना होगा।
सम्मान देना सीखें -
दूसरों को सम्मान देना सीखें न कि सम्मान पाने की ख्वाहिश रखें। जो सम्मान देता है बदले में वह भी सम्मान पाता है। मनुष्य होने के नाते एक दूजे को अवश्य सम्मान दें। किसी दूसरे को किया गया सम्मान स्वयं अपना ही सम्मान है। जब भी बोलें प्यार की भाषा बोलें। हमेशा सम्मानपूर्वक व शालीनतापूर्वक व्यवहार करें।दूसरों की सुनें - कई ऐसे लोग होते हैं जब वह बोलते हैं तो किसी अन्य को बोलने का मौका ही नहीं देते हैं। अगर आपसे कोई कुछ कहना चाहता है तो गंभीरता पूर्वक सुनें किसी ने आपसे कोई बात कही है तो उसे सही अर्थों में ग्रहण करें। आपको अपनी बातें दूसरों से कहने की आदत है तो दूसरों की बातें सुनने की भी आदत डालें। सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि बातचीत के दौरान तर्क भले ही ंकरें पर तकरार कभी न करें। अपनी बात को तर्क के साथ रखें पर उसे बहस पर ले जाकर तकरार करना ओछापन है। कुल मिलाकर बात यह कि व्यर्थ की बहसबाजी और तकरार में कभी न उलझें।
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