25 मार्च से वासंतिक नवरात्र शुरू होने वाला है। हलांकि कोरोना वायरस के प्रभाव के कारण सादगी के साथ इसका आयोजन किया जायेगा। बताया जाता है ेिक इस बार 9 दिन तक मां की आराधना होगी। किसी भी तिथि की घटी-वृद्धि नहीं है जो शुभ माना जा रहा है। बुधवार को दिन 3ः51 बजे तक प्रतिपदा तिथि है। हलांकि उदया तिथि में प्रतिपदा मिलने के कारण सारा दिन प्रतिपदा तिथि ही मान्य होगी। वाराणसी से प्रकाशित पंचांगों के अनुसार प्रातः 5ः57 बजे सूर्योदय हो रहा है जबकि सूर्यास्त शाम 6ः03 बजे है। बुधवार को मां की आरधना शुरू हो जायेगी। कलश स्थापना कर मां के पहले स्वरूप शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जायेगी। अभिजीत मुहूतर्त दिन के 11ः35 से 12ः23 बजे तक है। बता दें 25 मार्च से हिंदू नववर्ष भी शुरू हो रहा है।
किस दिन कौन सी तिथि
26 मार्च गुरूवार को शाम 5ः33 बजे तक द्वितीया, 27 मार्च शुक्रवार शाम 7ः39 तक तृतीया, 28 मार्च शनिवार रात्रि 9ः00 बजे तक चतुर्थी, 29 मार्च रविवार रात 10ः02 तक पंचमी, 30 मार्च सोमवार रात 10ः29 तक षष्ठी, 31 मार्च मंगलवार रात 10ः24 तक सप्तमी, 1 मार्च बुधवार रात 9ः50 बजे तक अष्टमी, 2 अप्रैल गुरूवार रात 8ः46 बजे तक नवमी तथा 3 अप्रैल शुक्रवार शाम 7ः19 बजे तक दशमी तिथि होगी।
माता के नौ रूपों की होगी पूजा
पहले दिन शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रहमचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चैथे दिन कुष्मांडा, पांचवें दिन स्कंदमाता, छठे दिन कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी व नौवें व अंतिम दिन सिद्धिदात्री की पूजा होगी।
चैती छठ 28 से
चार दिवसीय छठ महापर्व के पहले दिन नहाय खाय का अनुष्ठान होगा। 29 मार्च को खरना का अनुष्ठान होगा। व्रती दिनभर उपवास रखकर सूर्यास्त के बाद भगवान की पूजा अर्चना कर नैवेघ अर्पित करेंगे फिर प्रसाद को ग्रहण करेंगे। 30 मार्च को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अघ्र्य अर्पित किया जायेगा। 31 मार्च को उदयाचलगामी सूर्य को अघ्र्य दिया जायेगा। और इसी के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन हो जायेगा।
रामनवमी दो अप्रैल को
दो अप्रैल को रामनवमी मनायी जायेगी। रामनवमी का त्योहार पूरे देश में मनायी जायेगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
टिप्पणी पोस्ट करें